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डेस्क। हिंदू धर्म में पूजा और मंदिरों में प्रवेश के लिए कई तरह के दिशा-निर्देश बनाए गए हैं। ये नियम धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारणों पर आधारित भी हैं। इनमें से एक नियम में कहा गया है कि स्नान के बाद ही मंदिर में प्रवेश भी करना चाहिए।
स्नान के बाद हमेशा मंदिर जाना भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तन और मन दोनों को शुद्ध कर देता है। साथ ही रात में सोने के दौरान नकारात्मक ऊर्जाएं शरीर में प्रवेश कर सकती हैं। 
ऐसे में सुबह स्नान करने के बाद मंदिर जाने से इन नकारात्मक शक्तियों को खत्म करने में मदद भी मिलती है और हमारे भीतर चेतना को बढ़ावा मिलता है। वहीं मंदिर में बैठकर पूजा और ध्यान में लीन रहने से हमारे शरीर, आत्मा और मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश भी होता है। यह भी माना जाता है कि मंदिर से लौटने के तुरंत बाद स्नान भी नहीं करना चाहिए।
मंदिर से आने के तुरंत बाद स्नान न करें
ज्योतिष शास्र के अनुसार माना जाता है कि मंदिर एक पवित्र स्थान होता है और वहां से निकलने के तुरंत बाद स्नान करने से वहां उपस्थित होने और पूजा करने से प्राप्त ऊर्जा भी समाप्त हो जाती है। मान्यता यह है कि मंदिर में प्रवेश करने से शरीर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा भी भर जाती है। मंदिर में दर्शन के तुरंत बाद स्नान करने से सकारात्मक ऊर्जा कम हो सकती है और नकारात्मक भाव उत्पन्न हो जाती है। इसके अतिरिक्त, मंदिर दर्शन का अनुभव करने का पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं हो पाता है।
स्नान से बरकत का असर खत्म हो जाता है
माना जाता है कि मंदिर में दर्शन करने के तुरंत बाद स्नान करने से मंदिर से प्राप्त आशीर्वाद तुरंत ही समाप्त हो जाता है। यह मंदिर में मूर्तियों से प्राप्त शक्तियों को भी कम कर सकता है और आंतरिक भावनाओं की हानि का कारण भी बन सकता है। मंदिर में पूजा करने से सभी देवता प्रसन्न होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति भी होती हैं, जो मंदिर से आ कर स्नान करने से नष्ट भी हो जाते हैं।