पटना। कोरोना वायरस के संक्रमण (Corona virus infection) को लेकर जो आम धारणा है, वह यह कि इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही है. हालांकि बिहार के मामले में स्थिति थोड़ी अलग दिख रही है. बिहार में अब तक कोरोना से संक्रमित कुल 9 लोगों में आठ की उम्र 38 वर्ष या फिर इससे कम है। केवल नेपाल (Nepal) से आनेवाली दीघा की रहनेवाली महिला की उम्र करीब 42 साल है।
दरअसल शुरुआती दौर में माना जा रहा था कि कोरोना वायरस (Corona virus)का सबसे ज्यादा खतरा 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों या सुगर, दमा, हाइपरटेंशन, कैंसर, हृदय रोग की सर्जरी और फिर किडनी की बीमारी से पीड़ित (डायलिसिस करवा रहे मरीजों) रोगियों को ही है। ऐसे में युवा कोरोना के खतरे से काफी हद तक बेपरवाह थे।
बिहार समेत दूसरी जगहों पर संक्रमितों में प्रतिशतता को देखते हुए WHO ने हाल ही में युवाओं को कोरोना के खतरे से आगाह भी किया था। हालांकि यहां बताना जरूरी है की पहले जिन लोगों को ज्यादा खतरा बताया गया था वह भी अपनी जगह सही है, लेकिन अब यह साबित हो रहा है कि युवा इससे अछूते नहीं हैं।
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