24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज में चल रहे कुंभ में डुबकी लगाई। लेकिन इससे पहले 53वीं बार मन की बात करते हुए मोदी ने कहा कि मार्च और अप्रेल माह में मन की बात का प्रसारण आकाशवाणी पर नहीं होगा। लेकिन मई मंे एक बार फिर मैं देश के लोगों के साथ मन की बात करूंगा। उल्लेखनीय है कि लोकसभा की आचार संहिता मार्च के पहले सप्ताह में लगने वाली है। इसलिए मार्च और अप्रेल माह में आचार संहिता की वजह से प्रधानमंत्री के मन की बात नहीं हो सकेगी।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए मोदी ने मई माह में मन की बात करने की कही है। विपक्षी दल चाहे कुछ भी कहे लेकिन मोदी को लगता है कि अपे्रेल और मई में होने वाले लोकसभा के चुनाव में एनडीए को बहुमत मिलेगा और फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। पांच वर्ष पहले मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद रेडियो पर मन की बात की जो शुरूआत की थी उसे अपने अंतिम दौर में भी जारी रखा है हालांकि मन की बात को लेकर कई बार पीएम की आलोचना हुई लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम को लगातार जारी रखा।
पांच वर्ष में 60 माह होते हैं मोदी ने 53वीं बार मन की बात कहकर यह जता दिया है कि जो वे निश्चय करते हैं उसे पूरा भी करते हैं। चाहे उनके निर्णय की कितनी भी आलोचना हो। कुंभ में डुबकी: 24 फरवरी को पीएम मोदी ने प्रयागराज में संगम पर डुबकी लगाई। मोदी ने सनातन संस्कति के अनुरूप गंगा नदी पर पूजा अर्चना की। मोदी के स्नान के लिए प्रयागराज में विशेष इंतजाम किए गए थे। आजादी के बाद नरेन्द्र मोदी के देश के दूसरे प्रधानमंत्री है जिन्होनें कुंभ में स्नान किया है इससे पहले 1954 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कुंभ में डुबकी लगाई थी।
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