कानपुर,कई सालों से लंबित श्रमिक कॉलोनियों के मामलों की फाइलें एक बार फिर से निकलने लगी हैं। कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक मिलेगा, या फिर कॉलोनियों को किसी सरकारी संस्था को हैंडओवर किया जाएगा। इस तरह के जो सवाल हैं, अब उनका जवाब भी जल्द मिल जाएगा। श्रमायुक्त का कहना है, कि नए सिरे से जो प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, उसमें कॉलोनी निवासियों को मालिकाना हक दिए जाने और सरकार को राजस्व दिलाने की दिशा में कवायद चल रही है। अन्य राज्यों में कॉलोनियों को लेकर जो फैसले हुए, उस पर भी विभागीय अफसर स्टडी कर रहे हैं। एक हफ्ते के अंदर ही प्रस्ताव शासन की चौखट पर होगा। दरअसल, कॉलोनी में रहने वाले लोग चाहते भी हैं, कि उन्हेंं मालिकाना हक दे दिया जाए। मगर, अभी तक शासन ने इस तरह का कोई फैसला नहीं किया है।
18 हजार परिवार रह रहे
शहर में शास्त्री नगर, गोविंद नगर, दादा नगर, जूही कलां, मैकराबर्टगंज, न्यू लेबर कॉलोनी बाबूपुरवा समेत अन्य क्षेत्रों में जो श्रमिक कॉलोनियां हैं, उनमें करीब 18 हजार परिवार रह रहे हैं। ऐसे में लाखों लोगों को फैसले का इंतजार है।
श्रमिक कॉलोनियों के मामले में विभागीय अफसरों को नए सिरे प्रस्ताव तैयार करने के लिए कह दिया है। जल्द ही इसे शासन को भेज देंगे।
मो.मुस्तफा, श्रमायुक्त
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