पीलीभीत स्कूलों में मानक विहीन वाहन चलाये जा रहे हैं छोटे छोटे वाहनों में बच्चों को ठूंस ठूंस कर भरा जाता है जिस पर प्रशासन का कोई ध्यान नही है किसी अप्रिय घटना का इंतिजार कर रहे हैं जिले में ग्रामीण इलाकों में इंग्लिश मीडियम स्कूलों के नाम से लोगों ने कमाई का एक धंदा बना रखा है ये स्कूल बाले दो तीन किलोमीटर से भी बच्चों को लाते हैं उसके बदले में उनसे 300 से 400 रुपये किराये के रूप में बसूल करते हैं और सवारी के रूप में ये लोग टुक टुक थ्री व्हीलर व इको गाड़ी में बच्चों को खूब ठूंस ठूंस कर एक दूसरे के ऊपर बिठाते हैं क्योंकि इनके स्कूलों में ये वाहन इनके खुद के तो हैं नही ये किराये पर चलबाते हैं जो बच्चों की संख्या के हिसाब से पैसे लेते हैं l
इसलिए ये अपनी सवारी में खूव ज्यादा संख्या में बिठाते हैं जितने ही ज्यादा बच्चे होंगे इनकी आमदनी उतनी ही अधिक होगी एक इको गाड़ी में 30से 35 बच्चे बिठाये जाते हैं ऐसे ही थ्री व्हीलर में भी बच्चों को बिठाया जाता है और कुछ बच्चे तो बहुत खतरे में बैठे होते हैं जो किसी भी समय किसी भयानक समस्या पड़ सकते हैं इसका सबसे बड़ा धंदा अमरिया क्षेत्र व पूरनपुर में खूब चल रहा है। इस विकराल समस्या की ओर प्रशासन का कोई ध्यान नही है स्कूलों में गाड़ी मानक के अनुरूप क्यों नही चल रही हैं । क्या प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना का इंतिजार कर रहा है इसलिये खुद मानक विहीन वाहन चलवा रहा है l
ये वाहन खूव धड़ल्ले से रोडों पर दौड़ रहे हैं स्कूल प्रबंधन अपने फायदे के सामने किसी भी सही या गलत को नही देख रहा है ये लोग बच्चों के जान माल की कोई फिक्र नही करते हैं । ई – रिक्शा चालक इको बाले व थ्रीव्हीलर बाले कभी भी स्कूली बच्चों की जान खतरे में डाल सकते है कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है प्रशासन से अनुरोध है कि कृपा ध्यान दे।नही तो किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी किस की होगी प्रशासन की या स्कूल प्रबंधन की
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