क्रेत्स ऑन बेलडोन, दक्षिण कोरिया । कुछ दिनों पहले यह खबर आई थी किअब फ्रांस के एक प्राइमरी स्कूल में 15 भेड़ों को प्रवेश दिया गया है। दक्षिण कोरिया में बच्चों की कम संख्या के कारण दादा-दादी भी स्कूलों के छात्र बन रहे हैं । यहां बच्चों की कम संख्या के कारण स्कूल के बंद होने का खतरा था। दरअसल, स्कूल की कुछ कक्षाओं पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।
स्कूल में महज 261 बच्चे पढ़ते हैं. कुछ अभिभावकों ने स्कूल में घटती बच्चों की संख्या की शिकायत की थी। लिहाजा स्कूल प्रशासन ने भेड़ों को भर्ती करने का तरीका अपनाया. यह प्राइमरी स्कूल फ्रांस के क्रेत्स ऑन बेलडोन शहर में स्थित है. यहां की आबादी सिर्फ चार हजार है. यहां बच्चें की संख्या काफी कम है।
स्कूल में भर्ती के लिए भेड़ें एक स्थानीय चरवाहे ने मुहैया कराईं गईं। स्कूल में भर्ती के वक्त भेड़ों का जन्म प्रमाणपत्र भी पेश किया गया. रजिस्टर करने के के बाद उनमें एक छात्र का नाम बा-बेट रखा गया और दूसरे का सौते-मुटन. जब भेड़ों को रजिस्टर किया जा रहा था तो स्कूल में हंसी का माहैाल था, जिसमें बच्चे, अभिभावक और शिक्षक भी शामिल थे. बताया जाता है कि स्कूल में भेड़ों के प्रवेश जैसे कदम के पीछे एक अभिभावक गेल लावेल का आइडिया था।
उनके मुताबिक दुर्भाग्य से राष्ट्रीय शिक्षा आंकड़ों में सिमटकर रह गई है. स्कूल की संख्या में भी इजाफा हुआ है. स्कूल में फिलहाल 11 कक्षाएं हैं. कक्षाओं की संख्या घटाकर 10 करने का गेल लावेल ने विरोध किया था। उनके मुताबिक कि ऐसा करने का मतलब हर क्लास में औसतन 24 से 26 बच्चे हो जाएंगे जो ज्यादा है। स्थानीय मेयर ज्यां-लुई मैरे ने भी स्कूल में भेड़ों को भर्ती करने के लिए प्रस्ताव रखा था. मैरे के बच्चे भी उसी प्राइमरी स्कूल में पढ़ते हैं, जहां भेड़ों की भर्ती की गई है. बच्चे भेड़ों के स्कूल में आने से काफी खुश हैं।
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