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बिजनेस: पैन कार्ड भारत के लोगों के लिए एक क़ानूनी प्रमाण पत्र है। आज आप बैंक में खाता खुलवाते हैं, पासपोर्ट बनवाते हैं या कोई सरकारी फॉर्म भरते हैं उसके लिए आपके पास पैन कार्ड होना आवश्यक है। भारत सरकार के नए नियमों के मुताबिक़ यदि आपका आधार पैन कार्ड से लिंक नहीं है तो उसे वैलिड नही माना जाएगा। वही इनकम टैक्स विभाग के कार्यों हेतु पैन कार्ड सबसे अधिक जरुरी दस्तावेजों में से एक है। लेकिन कुछ स्थिति पैन कार्ड के सन्दर्भ में ऐसी हैं जो अगर आपके साथ हुईं तो आप मुसीबत में फस सकते हैं और आपका पैन कार्ड आपको झेल की हवा खवा सकता है। 

एक से अधिक पैन कार्ड का होना :

भारत सरकार के मुताबिक एक व्यक्ति एक ही पैन कार्ड रख सकता है। अब अगर आप सरकार के नियमों के विरुद्ध जाते हैं और किसी तरीके की जाल साजी करके अपने दो पैन कार्ड बनवा लेता हैं तो पकड़े जाने पर यह आपके लिए समस्या बन जाएगा।  जालसाजी के मामले में आपको जेल हो सकती है इसके साथ ही 10,000 रुपये तक का आपको जुर्माना भी भरना होगा। 

कब बन जाते हैं दो पैन कार्ड:

निवास स्थान :

कई लोग गाँव के रहने वाले होते हैं लेकिन उनकी जॉब लग जाती है तो वह शहर में शिफ्ट हो जाते हैं। कुछ समय बाद वह आपकी गाँव और शहर की अलग -अलग आईडी बनवा लेते है और दोनों जगह के निवासी हो जाते हैं। वैसे तो यह सब सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से होता है लेकिन एक व्यक्ति का दो जगह निवासी होना उसके पहचान पत्रों की संख्या बढाने में मददगार हो जाता है और एक ही व्यक्ति दो जगह से अलग -अलग निवास प्रमाण पत्र और आधार के अनुसार दो पैन कार्ड बनवा लेता है। 

कई बार आवेदन :

कई लोगों हम पैन कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं लेकिन हमारा पैन कार्ड हमारे पास समय पर नही पहुँचता है तो हम व्याकुल होने लगते हैं और हम दोबारा पैन कार्ड के लिए अप्लाई कर देते हैं और कुछ समय बाद हमारे पास दो पैन कार्ड हो जाते हैं। 

जालसाजी के उद्देश्य से:

कई लोग जालसाजी के उद्देश्य से दो या दो से अधिक पैन कार्ड बनवाते हैं। यह लोग इतने शातिर होते हैं कि किसी दुसरे व्यक्ति के नाम व आधार डिटेल से अपने लिए कई पैन कार्ड बनवा लेते हैं और लोगों को लाखों का चुना लगा देते हैं।