डेस्क। सिनेमाई दुनिया की सबसे बड़ी ब्लॉकस्टर फिल्म ‘अवतार’ की कहानी अब एक कदम आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
दरअसल, साल 2009 में रिलीज हुई इस फिल्म की दूसरी कड़ी ‘अवतार: द वे ऑफ वॉटर’ ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। वहीं जेम्स कैमरून ने 13 साल की कड़ी मशक्कत और अपनी बेहतरीन सोच से इस काल्पनिक दुनिया का विस्तार बेहद बेहतरीन तरीके से भी किया है। पहली फिल्म में हवा में लटके पहाड़, वायु से संबंध रखने वाले जीवों की दुनिया को अपने रचे नावी से जोड़ने के बाद अब जेम्स कैमरून ने उसका पानी से गहरा कनेक्शन दिखाया है। वहीं हवा की तरह पानी भी भारतीय पौराणिक कथाओं में वर्णित पंच तत्वों में से एक रहा है, जिसका जिक्र आते ही भारतीयों को यह लग रहा है कि इस फिल्म का भारतीय कनेक्शन भी है।
तो चलिए जानते हैं कि ‘अवतार 2: द वे ऑफ वॉटर’ का भारत से क्या संबंध बताया जा रहा है।
दरअसल, साल 2009 में रिलीज हुई इस फिल्म की दूसरी कड़ी ‘अवतार: द वे ऑफ वॉटर’ ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। वहीं जेम्स कैमरून ने 13 साल की कड़ी मशक्कत और अपनी बेहतरीन सोच से इस काल्पनिक दुनिया का विस्तार बेहद बेहतरीन तरीके से भी किया है। पहली फिल्म में हवा में लटके पहाड़, वायु से संबंध रखने वाले जीवों की दुनिया को अपने रचे नावी से जोड़ने के बाद अब जेम्स कैमरून ने उसका पानी से गहरा कनेक्शन दिखाया है। वहीं हवा की तरह पानी भी भारतीय पौराणिक कथाओं में वर्णित पंच तत्वों में से एक रहा है, जिसका जिक्र आते ही भारतीयों को यह लग रहा है कि इस फिल्म का भारतीय कनेक्शन भी है।
तो चलिए जानते हैं कि ‘अवतार 2: द वे ऑफ वॉटर’ का भारत से क्या संबंध बताया जा रहा है।
पानी की दुनिया दिखाएगी ‘अवतार 2’
हॉलीवुड के बेहतरीन निर्देशकों में से एक जेम्स कैमरून ने ‘अवतार’ में दर्शकों को साल 2154 में बसी पैंडोरा की काल्पनिक दुनिया को दर्शाया था। उस ग्रह पर नीले रंग के लंबे-लंबे लोगों की आबादी भी थी जिन्हें जेम्स कैमरून ने नावी का नाम दिया था।
बता दें ये नावी इंसानों की तरह दिखते हैं, लेकिन मनुष्य नहीं हैं। साल 2009 में रिलीज हुई ‘अवतार’ में हवा में तैरती दुनिया दिखाने के बाद अब जेम्स कैमरून अपने द्वारा रची इस दुनिया को एक अलग स्टेज पर लेकर पहुंच चुके हैं। और ‘अवतार: द वे ऑफ वॉटर’ में जेम्स कैमरून ने हवा के बाद अब नावी की पानी में बसी हुई दुनिया को भी दिखाया है।
साथ ही इस फिल्म में निर्देशक ने पानी में रहने वाले जीव जंतुओं और उनकी दुनिया को भी दिखाया है। नावी जिस ढंग से पानी में रहते हैं और वहां मौजूद जीवों से दोस्ती और प्यार करते हैं वह बेहद ही काबिले तारीफ है। एक बार फिर जेम्स की यह दुनिया हमारे पंचतत्व के एक तत्व पर आधारित रहने वाली है। हमारे पौराणिक ग्रंथों में पानी में रहने वाले तरह-तरह जीवों का वर्णन मिलता है। इतना ही नहीं, त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु ने दुनिया को बचाने के लिए मत्स्य अवतार भी लिया था जो लगभग ऐसा ही बताया जाता है। यह भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से उनका प्रथम अवतार रहा है। इसी के बाद से सोशल मीडिया पर कई विवाद खड़े करने वाले पोस्टर और मैसेज वायरल भी हो रहे हैं।
बता दें ये नावी इंसानों की तरह दिखते हैं, लेकिन मनुष्य नहीं हैं। साल 2009 में रिलीज हुई ‘अवतार’ में हवा में तैरती दुनिया दिखाने के बाद अब जेम्स कैमरून अपने द्वारा रची इस दुनिया को एक अलग स्टेज पर लेकर पहुंच चुके हैं। और ‘अवतार: द वे ऑफ वॉटर’ में जेम्स कैमरून ने हवा के बाद अब नावी की पानी में बसी हुई दुनिया को भी दिखाया है।
साथ ही इस फिल्म में निर्देशक ने पानी में रहने वाले जीव जंतुओं और उनकी दुनिया को भी दिखाया है। नावी जिस ढंग से पानी में रहते हैं और वहां मौजूद जीवों से दोस्ती और प्यार करते हैं वह बेहद ही काबिले तारीफ है। एक बार फिर जेम्स की यह दुनिया हमारे पंचतत्व के एक तत्व पर आधारित रहने वाली है। हमारे पौराणिक ग्रंथों में पानी में रहने वाले तरह-तरह जीवों का वर्णन मिलता है। इतना ही नहीं, त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु ने दुनिया को बचाने के लिए मत्स्य अवतार भी लिया था जो लगभग ऐसा ही बताया जाता है। यह भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से उनका प्रथम अवतार रहा है। इसी के बाद से सोशल मीडिया पर कई विवाद खड़े करने वाले पोस्टर और मैसेज वायरल भी हो रहे हैं।
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