Home राष्ट्रीय कई धर्मों से जुड़ा येरूशलम बढ़ा रहा अंतराष्ट्रीय स्तर पर तनाव

कई धर्मों से जुड़ा येरूशलम बढ़ा रहा अंतराष्ट्रीय स्तर पर तनाव

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डेस्क। येरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्‍यता वापस करने के आस्‍ट्रेलिया के फैसले ने एक बार फिर इस मुद्दे को विवाद का काम किया है।
वहीं इस पर विश्‍व के देशों की राय भी एक समान नहीं है। जहां कुछ इसको लेकर इजरायल के समर्थन में हैं तो कुछ विरोधी भी हैं तो कुछ की राय बिल्‍कुल ही अलग है। वहीं इस मुद्दे पर फलस्‍तीन और इजरायल दोनों ही झुकने को तैयार नहीं हैं और दोनों ही इसको अपनी राजधानी और अपने लिए एक पवित्र जगह भी बताते हैं। ऐसे में ये जानना बहुत बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर येरूशलम में ऐसा क्‍या खास है जिस पर दोनों ही देश अपना न तो रुख बदलने को तैयार हैं और न ही कोई समझौता करने को तैयार हैं।

दशकों पुराना है येरूशलम का ये मुद्दा

येरूशलम का मुद्दा दोनों के बीच तभी से है जब से इजरायल फलस्‍तीन से अलग होकर एक आजाद राष्‍ट्र के रूप में अस्तित्‍व में आया था। तभी से लेकर आज तक ये मुद्दा गरमाया हुआ है।
आपको यह भी बता दें कि ये एक ऐसी जगह है जो दुनिया के सबसे पुराने नगरों में से एक है। ये दुनिया में तीन धर्मों को मानने वालों के लिए बेहद पवित्र स्थान है। इनमें यहूदी, इसाई और मुस्लिम धर्म शामिल हैं। इसी वजह से इस्‍लाम बहुल फलस्‍तीन के लिए और यहूदी बहुल इजरायल के लिए ये पवित्र स्‍थल है। बता दें यहां पर Jewish लोगों की मौजूदगी अधिक है। वहीं यह करीब 61 फीसद हैं और इस्‍लाम को मानने वाले करीब 38 फीसद लोग हैं।
इस जगह के इतिहास की बात करें तो ये दो बार उजड़ कर फिर से बसाया गया था। इस पर करीब 52 बाहरी लोगों ने हमला किया और इसको बर्बाद भी कर दिया। इसी कड़ी में अलग-अलग समय पर इसके नाम भी इतिहास में बदलते रहे हैं। जैसे कभी सिटी आफ डेविड, Urusalim आदि। Judah शासन का ये कभी केंद्र हुआ करता था। 1538 में यहां पर सिटी आफ वाल्‍स का निर्माण भी करवाया गया। उस वक्‍त इस पर ओटोमन साम्राज्‍य के सुलेमान का राज हुआ करता था। ये दीवार आज अर्मेनियत, क्रिस्चियन, जुविश और इस्‍लाम को अलग भी करने वाली है। 
साथ ही क्या आप जानते हैं हिब्रु में लिखी बाइबल में इसके किंग डेविड द्वारा जीते जाने का जिक्र मिलता है। वहीं किंग सोलोमन ने यहां पर एक पवित्र मंदिर का निर्माण भी करवाया था, जिसे बाद में रोमन साम्राज्‍य ने नष्‍ट कर दिया साथ ही इस्‍लाम धर्म में सुन्‍नी समुदाय के लिए ये जगह मक्‍का और मदीना के बाद धरती पर तीसरी सबसे पवित्र जगह बन गई। ऐसा भी कहा जाता है कि यहां पर इब्राहिम ने अपने बेटे को कुर्बान कर अल्लाह से बात की थी।

इसाइयों से भी जुड़ी है जगह

इसाई धर्म में इस जगह की खासियत इसलिए भी खास है क्‍योंकि इसको ताल्‍लुक यीशु के बचपन से जोड़कर देखा जाता रहा है। इस्‍लाम में इस जगह का ताल्‍लुक मोहम्‍मद साहब से बताया जाता है। वहीं यह भी कहा जाता है कि यही से हजरत मोहम्‍मद साबह जन्‍नत गए थे। वहीं Mandaeans को मानने वाले यह भी मानते हैं कि उनके Chief prophet John the Baptist का जन्‍म यहीं पर हुआ था और यीशु के जन्‍म के बाद वे यहां से चले भी गए थे।
इसी कड़ी में बता दें यहां पर करीब 158 गिरजाघर और करीब 73 मस्जिद भी हैं। इस्‍लाम को मानने वालों के लिए यहां पर उनकी पवित्र अल-हरम मस्जिद भी मौजूद है। इसको गोल्‍डन टैंपल और डोम आफ द राक के नाम से भी पुकारा जाता है।  

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