Home राष्ट्रीय Terror Funding Case : कश्मीरी अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी का बड़ा खुलासा,...

Terror Funding Case : कश्मीरी अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी का बड़ा खुलासा, बताया कश्मीर में अराजकता फैलाने के लिए यहां से मिलता था फंड

6
0

Terror Funding Case : कश्मीरी अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी का बड़ा खुलासा, बताया कश्मीर में अराजकता फैलाने के लिए यहां से मिलता था फंड

नई दिल्ली। कश्मीरी अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी ने खुलासा किया है कि वह पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी के जरिये लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के करीब आई। अधिकारी दुख्तारन-ए-मिल्लत नेता अंद्राबी का रिश्तेदार था। अंद्राबी के साथ ही दो अलगाववादी नेताओं से इन दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पूछताछ कर रही है।

कश्मीर यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातक अंद्राबी चार साल पहले पाकिस्तानी झंडा फहराने और पाकिस्तानी राष्ट्रगान गाने के कारण सुर्खियों में आई थी। अंद्राबी के इस कृत्य के पीछे हाफिज सईद को माना जाता है।

Terror Funding Case : कश्मीरी अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी का बड़ा खुलासा, बताया कश्मीर में अराजकता फैलाने के लिए यहां से मिलता था फंड

एनआईए सूत्र ने कहा कि अंद्राबी का भतीजा पाकिस्तान सेना में कैप्टन रैंक का अधिकारी है। उसका एक अन्य करीबी रिश्तेदार पाकिस्तान सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में है। अंद्राबी के रिश्तेदार दुबई और सऊदी अरब में भी हैं जहां से वह फंड प्राप्त करती है और भारत के खिलाफ गतिविधियों में इस्तेमाल करती है।

एनआईए ने अंद्राबी के खिलाफ एक केस दर्ज किया है जिसके तहत जमात-उद-दावा के अमीर और लश्कर के मास्टरमाइंड सईद बड़े पैमाने पर अंद्राबी को फंड मुहैया कराते थे।

यह धन पत्थरबाजों और हुर्रियत के समर्थकों में बांटे गए थे जिन्होंने श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए।

सूत्रों ने कहा कि अंद्राबी के अलावा मसरत आलम और शब्बीर शाह से भी एनआईए ने पूछताछ की। तीनों अलगाववादी नेता अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं।

इस केस के निगरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं जो घाटी में आंतकवादी घटनाओं पर केंद्र की रणनीति अमलीजामा पहना रहे हैं।

Text Example

Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।