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अवैध निर्माण तो टूटेगा ही साथ ही तोड़ने में आया खर्चा भी वसूलेगा जीडीए

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गाजियाबाद: यदि आपने जीडीए के एरिया में अवैध निर्माण किया तो वह जरूर टूटेगा, लेकिन अब जीडीए इसको तोड़ने के लिए जो खर्चा आएगा उसे भी अवैध निर्माण करने वाले व्यक्ति से वसूलेगा। जीडीए ने पहली बार अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए प्राइवेट एजेंसी को हायर किया है। प्राइवेट एजेंसी को ट्रायल के लिए एक महीने के लिए पहले टेंडर की स्वीकृति दी गई है। डासना के रहने वाले ठेकेदार शहजाद अली को तोड़फोड़ का जिम्मा दिया गया है। इसके लिए शर्तों की पूरी सूची बनाकर सभी जोन के प्रभारी के अलावा ठेकेदार को भी दिया जा चुका है, यदि लेबर के माध्यम से ध्वस्तीकरण करने की स्थिति है तो उसका चार्ज अलग है लेकिन मशीनरी से ध्वस्तीकरण किया जाता है तो उसका चार्ज अलग है। जीडीए के चीफ इंजीनियर वी.एन. सिंह का कहना है कि प्राइवेट एजेंसी के पास ध्वस्तीकरण के लिए ब्रेकर, जेसीबी ब्रेकर, पोकलेन ब्रेकर, हैमर आदि उपकरण होंगे। साथ ही एजेंसी को निर्धारित समय के भीतर पूरे अवैध निर्माण को ध्वस्त करना होगा।

औपचारिकता नहीं, ध्वस्तीकरण होगा

जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि पहले कुछ प्रकरण में यह शिकायत मिलती थी कि प्रवर्तन अनुभाग की मिलीभगत से ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद हल्का-फुल्का बुलडोजर चलाकर टीम लौट आती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ध्वस्तीकरण का काम तय समय में एजेंसी को पूरा करना होगा। यदि ऐसा नहीं कर पाती है तो एजेंसी पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। ध्वस्तीकरण के समय जीडीए के अधिकारी और सुरक्षा बल भी मौजूद रहेंगे।

ऐसे लगाया जाएगा चार्ज

अधिकारी बताते हैं कि यदि 100 वर्ग मीटर के एरिया में कोई 3 मंजिला भवन का निर्माण किया गया है तो मशीन से तोड़ने पर इसका 1 लाख 75 हजार रुपये का खर्च आएगा। यदि 5 फ्लोर के इतने एरिया में बने भवन को लेबर से तोड़वाना है तो 3 लाख 80 हजार रुपये का भुगतान करना होगा। 5 फ्लोर तक मशीन से तोड़ने पर 2 लाख 40 हजार रुपये देना पड़ेगा। इस पर 18 फीसदी जीएसटी और चार्ज किया जाएगा।

थर्ड फ्लोर तक मशीन से-1750 रुपये प्रति वर्ग मीटर

5वें फ्लोर तक मशीन से -2400 रुपये प्रति वर्ग मीटर

5वें फ्लोर तक लेबर से- 3800 रुपये प्रति वर्ग मीटर

ध्वस्तीकरण नहीं होने पर भी 40 हजार रुपये देना होगा

एजेंसी ने शर्त रखी है कि ध्वस्तीकरण का आदेश होने के बाद एजेंसी की टीम मशीन और लेबर लेकर मौके पर जाती है लेकिन यदि कोई विवाद होता और ध्वस्तीकरण का काम शुरू नहीं हो पाता है तो एजेंसी को जीडीए प्रतिदिन 40 हजार रुपए के हिसाब से आइडलिंग चार्ज देगा।

954 अवैध निर्माण हो चुके हैं चिह्नित

दिसंबर 2019 तक 954 अवैध निर्माण को चिह्नित किया जा चुका है। टीम ने 8505 मामलों का निरीक्षण किया है। 331 अवैध निर्माण को सील किया गया जा चुका है। 314 अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा चुका है। जबकि अभी 582 मामले में ध्वस्तीकरण का आदेश जारी हो चुका है।

जोन कुल अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण का आदेश वसूली

एक 35 13 10.68

दो 57 35 5.36

तीन 238 100 5.14

चार 173 116 3.97

पांच 30 23 5.34

छह 138 110 8.29

सात 142 17 4.09

आठ 141 168(पिछले साल का भी) 4.80

कोट:

प्राइवेट एजेंसी से ध्वस्तीकरण कराने का जो खर्च आएगा उसकी वसूली जिस व्यक्ति के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा उससे की जाएगी। यदि तय समय पर भुगतान नहीं होता है तो आरसी जारी करने के लिए जिला प्रशासन के पास भेजा जाएगा। – संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए

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