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आज से सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया शुरू, ऑनलाइन आवेदन 26 मई रात 12 बजे तक

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लखनऊ । बेसिक शिक्षा परिषद में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए सोमवार से ऑनलाइन आवेदन दाखिल किए जाएंगे। इस संबंध में रविवार को जिलावार रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं। भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण 1 लाख 46 हजार 60 अभ्यर्थी 26 मई की रात 12 बजे तक अपने आवेदन कर सकेंगे।
भर्ती परीक्षा में 65 प्रतिशत (150 में से 97 अंक) कट ऑफ के आधार पर सामान्य वर्ग के 36, 614 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। 60 प्रतिशत (150 में से 90 अंक) के आधार पर अनुसूचित जाति के 24308, अनुसूचित जनजाति के 270 और अन्य पिछड़ा वर्ग के 84, 868 अभ्यर्थी पास हुए हैं ।
मौजूदा शिक्षकों को मौका देने से फंसा पेच
69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी पास हुए हैं जो वर्तमान में परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। इन शिक्षकों ने अपने गृह जिले में पहुंचने के लिए परीक्षा दी थी। विभाग के सामने परेशानी यह है यदि इन शिक्षकों को नई भर्ती में शामिल होने का मौका दिया गया तो मेरिट में इनसे कुछ पीछे रहे अभ्यर्थी वंचित रह जाएंगे और इन शिक्षकों के अपने गृह जिले में पहुंचने पर वर्तमान जिले में फिर पद रिक्त हो जाएंगे। अब ऐसे अभ्यर्थियों को मौका दें या नहीं, इस पर विचार किया जा रहा है।
संशोधन का मौका मांग रहे अभ्यर्थी 
भर्ती परीक्षा में सफल अभ्यर्थी उनकी ओर से पात्रता परीक्षा के आवेदन के समय हुई त्रुटि को सुधारने का मौका देने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि संशोधन का मौका नहीं मिलने पर मानवीय त्रुटियों व नेट की स्पीड तथा सर्वर डाउन होने के कारण होने वाली गलतियों से योग्य अभ्यर्थी भर्ती से वंचित रह सकते है।
उनका कहना है कि भर्ती परीक्षा के आवेदन फार्म में प्रशिक्षण योग्यता में तीन कालम दिए गए थे। नंबर-1 डीएलएड/ बीटीसी,  नंबर-2 शिक्षामित्र दूरस्थ शिक्षा विधि से प्रशिक्षित 2 वर्षीय बीटीसी, नंबर-3 बीएड। मानवीय गलती या सर्वर डाउन होने से किसी शिक्षामित्र ने डीएलएड/बीटीसी के कालम में प्रविष्टि भर दी हैं तो वह इसी श्रेणी में गिना जाएगा। शिक्षामित्रों को मिलने वाले भारांकों से वंचित रहकर परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो जाएगा।
वहीं उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि शिक्षामित्रों को मिलने वाला भारांक लाभ अंतिम है, ऐसे में सरकार को उनकी समस्या को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ अभ्यर्थियों ने क्रमांक के स्थान पर रोल नंबर और रोल नंबर के स्थान पर क्रमांक डाल दिया है। इसी प्रकार पूर्णांक के स्थान पर प्राप्तांक एवं प्राप्तांक के स्थान पर पूर्णांक डाल दिया है। उन्होंने इसके अतिरिक्त भी अन्य प्रकार की त्रुटियों को सुधारने का मौका देने की मांग की है।

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