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दिल्ली वाले बाबा ने बदनाम कर दिया द्रौपदी का गांव

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 फर्रुखाबाद व कंपिल आश्रम में फैला बाबा वीरेन्द्र देव का मकड जाल

फर्रुखाबाद, सेक्स कांड के आरोपों से घिरा बाबा वीरेन्द्र देव दीक्षित यूपी के फर्रुखाबाद के कंपिल का रहने वाला है. यहीं पर बाबा ने अपना पहला आश्रम बनाया था. जिस कंपिल गांव पर आज बदनामी का दाग लग रहा है वो एक महान गांव माना जाता है.गांव में रहने वाले रीनेश गुप्ता बताते हैं कि राजा द्रुपद की बेटी द्रौपदी का स्वयंवर यहीं पर हुआ था. राजा द्रुपद ने इस इलाके को लड़ाई में जीता था. इतना ही नहीं यहां कपिल मुनि का आश्रम भी है. सैकड़ों लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं.कहा तो ये भी जाता है कि कंपिल को जैन संप्रादाय के प्रथम तीर्थकार राजा ॠषभदेव ने कंपिल को बसाया था. लेकिन आज इस गांव की चर्चा दूसरे ही शब्दों में हो रही है. एक महान गांव आज सेक्स कांड के आरोपों से घिरे बाबा के नाम के साथ चर्चाओं में है.गांव के लोग बताते हैं कि वीरेन्द्र देव दीक्षित मौहल्ला चौधरियान में रहता था. वर्ष 1990 के बाद अहमदाबाद के गुजरात से पीएचडी की डिग्री लेकर आया था. अध्यात्म विषय में पीएचडी हासिल की थी. उसके बाद यहीं पर एक पुराने मकान में तिरपाल लगाकर लोगों को ज्ञान देना शुरु कर दिया था. जो बाद में भव्य आश्रम बन गया.

आश्रम के संचालक बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित पर रेप और यौन शोषण के आरोप हैं। इसी बाबा के दो आश्रम जनपद में भी है। कंपिल में गंगा रोड स्थित वीरेंद्र देव दीक्षित का आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्ववि।ालय व फर्रुखाबाद के सिकत्तरबाग में स्थित बबाली बाबा का आश्रम वर्षो से विवादों और पुलिस के छापेमारी से चर्चा का विषय रहा है। कई बार अन्य जनपदों ने अपहरण कर लायी गयी नाबालिक किशोरीयाँ भी इन्ही आश्रमों में बरामद होने के बाद भी बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे बाबा के इन बबाली आश्रम पर कोई कार्यवाही नही हुई। आश्रम की गतिविधियों व संपत्ति को लेकर सीबीसीआइडी व आयकर विभाग भी टीम भी जांच कर चुकी है। कंपिल के मोहल्ला चैधरियान में वीरेंद्र देव का आश्रम 34 वर्षो से संचालित है। वही लगभग दो दशको ने सिकत्तरबाग आश्रम पर बाबा अपना खुफिया तंत्र चला रहा है। बीते 28 अगस्त 2011 को बांदा के अलीगढ़ निवासी राकेश सिंह की बेटी मीना के अपहरण का मुकदमा पुलिस ने दर्ज किया और उसकी तलाश में सिकत्तरबाग आश्रम में छापेमारी की थी। जंहा से मीना को पुलिस ने बरामद किया था। मजे की बात है कि पुलिस दरवाजा तोड़कर भीतर दाखिल हुई थी। उसी के दो दिन बाद आश्रम बंद कराने के लिये गुलाबी गैंग ने 30 अगस्त 2011 को प्रदर्शन किया था। 6 सितम्बर 2011 को बाल कल्याण समिति ने बाबा के सिकत्तरबाग आश्रम पर सर्च वारंट के आधार पर जाँच की। जिसमे दो दर्जन किशोरीयां मिली थी। 8 सितम्बर 2011 को राज्य महिला आयोग ने डीएम से आश्रम के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की। 9 सितंबर को पुनरू बाल कल्याण समिति ने सिकत्तरबागा आश्रम के लिये रुख किया। लेकिन आश्रम का रजिस्ट्रेशन नही मिला। 14 सितम्बर 2011 को मिर्जापुर के चील्ह थाने के एसएसआई डॉ० अख्तर सईद ने 9 अप्रैल 2011 को लापता 15 वर्षीय बंदना, सरोज व उसकी सहेली पिंकी उर्फ कंचन यादव की तलाश में छापेमारी की गयी। जंहा पुलिस का भीतर जाने को लेकर विवाद हुआ। 12 अप्रैल 2016 को तत्कालीन राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य मोनी सिंह ने बाबा वीरेन्द्र देव के सिकत्तरबाग व कंपिल आश्रमों में छापेमारी की। जिसके बाद उनक कहना था कि सिकत्तर बाग में 9 महिलायें मिली जबकि देखने में लगता है कि आश्रम में 500 लोगो रहते हो। वही कंपिल के आश्रम में 30 महिलायें मिली। जिसमे डेढ़ सौ महिलायों की व्यवस्था लगती है। वही कंपिल में गंगा रोड स्थित वीरेंद्र देव दीक्षित का आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्ववि।ालय 19 वर्ष पूर्व कोलकाता की युवती के अपहरण व यौन शोषण के आरोपों से पहली बार चर्चा में आया था। आश्रम की गतिविधियों व संपत्ति को लेकर सीबीसीआइडी व आयकर विभाग भी टीम भी जांच कर चुकी है।30 मार्च 1998 को कोलकाता की युवती के परिजनों ने कंपिल थाने में पुत्री को जबरन आश्रम में बंधक बनाकर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पुलिस ने आश्रम के 11 सेवादारों पर शांतिभंग की कार्यवाही की। 3 अप्रैल 1998 को अहमदाबाद के किशोरी को बरगला कर आश्रम में दुष्कर्म और मानसिक उत्पीड़न करने के आरोप में वीरेंद्र देव, उनकी पत्नी कमला व कर्नाटक की शांता बहन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।16 अप्रैल 1998 को मथुरा की महिला की तहरीर पर वीरेंद्र, कमला सहित तीन लोगों के विरुद्ध दुष्कर्म और इसी दिन बिजली चोरी का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने वीरेंद्र की गिरफ्तारी के लिए आश्रम में छापा मारा, तो उसके चेले पुलिस से भिड़ गए। पुलिस ने वीरेंद्र देव, सेवादार रवींद्र दास, जगन्नाथ, महेश, जनार्दन, मनोरंजन, कोपली, शांता बहन सहित आठ लोगों के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। 17 अप्रैल को दिल्ली की शाहदरा निवासी महिला की तहरीर पर वीरेंद्र देव सहित आधा दर्जन लोगों के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ।

 

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