लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है, जो लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे थे। योगी सरकार ने दो टूक कह दिया है कि सूबे में फिर से इस व्यवस्था को लागू करने का उनका कोई इरादा नहीं है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने विधान परिषद में लिखित जवाब देते हुए कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 01 मई 2005 से नव परिभाषित पेंशन योजना लागू की गई है।
इससे पहले मंगलवार को योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अनुपूरक बजट में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के लिए 5004.03 करोड़ का प्रावधान किया है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर गुरुवार को विधान परिषद सदस्य संजय कुमार मिश्र के सवालों का वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने लिखित में जवाब दिया। उन्होंने कहा पूछा था, क्या वित्त मंत्री बताएंगे कि प्रदेश के राजकीय कर्मचारियों,शिक्षकों को पुरानी पेंशन दिये जाने पर विचार कर रहे हैं?
जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जी नहीं, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में नव परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है, जिसके तहत ही कर्मचारियों को सुविधायें मिलेंगी। यूपी में सरकारी अफसर, कर्मचारी और शिक्षक पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन करते रहे हैं। बीते फरवरी माह में भी प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद उसे टाल दिया गया था। अब सरकार के इस बयान के बाद एक बार फिर कर्मचारी आंदोलित हो सकते हैं।
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