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मेरठ: हत्या की कोशिश का आरोपी बना दिया पुलिस ने 7 साल के मासूम को

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मेरठ में पुलिस की लापरवाही का एक गजब मामला सामने आया है। पुलिस ने बिना जांच किए ही लाठी-डंडे से बुरी तरह अधेड़ को पीटने के आरोप में 7 साल के बच्चे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। मासूम के पिता ने एसएसपी के यहां असलियत बताई और बच्चे को पेश किया। हैरान एसपी ने थानेदार को आड़े हाथ लिया और बच्चे का नाम एफआईआर से निकालने का हुक्म दिया। फजीहत के बाद मंगलवार को जांच के बाद बच्चे का नाम एफआईआर से हटा दिया गया।

दरसअल, यह विवादित मामला मेरठ जिले के हस्तिनापुर थाने का है। राजू नाम का व्यक्ति अपने 7 साल के बेटे कार्तिक को लेकर एसएसपी ऑफिस पहुंचे और एसपी (क्राइम) रामअर्ज से मिले। उन्होंने एसपी को बताया कि दो महीने पहले हस्तिनापुर की मनोहरपुर कालोनी में गमला गिरने को लेकर सोना नाम के व्यक्ति से कहासुनी हो गई थी। राजू का आरोप है कि सोना ने अपने साथ कई युवकों को लेकर हमारे घर पर लाठी-डंडों से हमला बोला था, जिसमें वह और उसका 7 साल का बेटा कार्तिक जख्मी हो गए थे।

पीड़ित का आरोप है कि मारपीट करने वाले सोना से मिलीभगत के बाद हस्तिनापुर पुलिस ने उल्टे 7 साल के बेटे कार्तिक के खिलाफ हत्या की कोशिश (जानलेवा हमले) की धारा 307 में एफआईआर दर्ज कर दी। इसमें 7 साल के कार्तिक पर आरोप लगाया कि उसने लाठी-डंडों से जानलेवा हमला किया।

एसपी क्राइम रामअर्ज पुलिस ऑफिस में आए बच्चे और एफआईआर को देखकर भौंचक्क रह गए। उन्होंने इंस्पेक्टर हस्तिनापुर से बिना जांच किए मासूम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर नाराजगी जताई और बालक का नाम निकालने के निर्देश दिए। हस्तिनापुर थाने के वरिष्ठ उप निरीक्षक करतार सिंह का कहना है कि एफआईआर तहरीर के आधार पर लिखी गई थी। जांच बाद में की गई। जांच में पाया गया कि नामजद कार्तिक बच्चा है। मंगलवार को उसका नाम एफआईआर से निकाल दिया है।

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