अयोध्या/नई दिल्ली। मुस्लिम पक्ष बाबरी मस्जिद के मलबे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। आपको बताते जाए कि बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने तय किया है कि वो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगा। इस याचिका में मांग की जाएगी कि राम मंदिर निर्माण से पहले जो बाबरी मस्जिद का मलबा है, उसे उन्हें दिया जाए। मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव धवन पक्ष रखेंगे। इस बाबत अगले हफ्ते एक बैठक होगी।
अयोध्या मामले में फैसले के बाद दिसंबर 2019 में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने बाबरी मस्जिद के मलबे पर अपने हक की बात कही थी। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के कन्वीनर और मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने बताया था कि मस्जिद की एक-एक ईंट और जर्रा-जर्रा हमारे लिए पवित्र है।
उन्होंने उसी समय कहा था कि हमारी शहीद हुई मस्जिद का मलवा हमें दिया जाए, इसी मांग के साथ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा था कि हम मलबे को महफूज रखेंगे, ताकि उसकी कोई बेइज्जती नहीं हो।
जिलानी ने बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की एक बैठक का हवाला देते हुए कहा था कि जल्द ही इस मुद्दे को लेकर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट-खटाएगी।
अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक रुपया नकद दान दिया है। मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ को मिला यह पहला दान है। सरकार ने ट्रस्ट को एक रुपए का दान नकद में दिया, ताकि ट्रस्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू हो सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ही संसद में ट्रस्ट का ऐलान किया था।
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