ऊंचाहार विस्फोट में 32 लोगों की मौत, समिति एक महीने में देगी रिपोर्ट: NTPC
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के ऊंचाहार में कंपनी के बिजली संयंत्र में हाल की दुर्घटना के कारणों की जांच के लिये कार्यकारी निदेशक एस के राय की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है जो एक महीने में रिपोर्ट देगी। उन्होंने बताया कि पहली नवंबर को इस संयंत्र की 500 मेगावाट की यूनिट-6 के बायलर में विस्फोट की घटना के कारणों का पता लगाने के लिये जांच समिति गठित की गयी है। इस हादसे में मरने वालों की संख्या 32 हो गयी है। सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस दुर्घटना में करीब 80 लोग प्रभावित हुए। इसमें 32 लोगों की मौत हो गयी है जबकि 48 का इलाज जारी है।’’
एनटीपीसी के संयंत्र की यह दुर्घटना किसी इकाई में वर्ष 2009 के बाद सबसे भीषण दुर्घटना है। इससे पहले भारत अल्यूमीनियम कंपनी की निर्माणधीन कोरबा परियोजना में 2009 में बिजली संयंत्र की चिमनी के गिरने से 45 लोगों की मौत हुई थी। सिंह ने कहा कि ऊंचाहर की दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल 12 लोगों को दिल्ली के सफदरजंग और अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एनटीपीसी प्रमुख ने कहा कि प्रभावित लोगों के परिवार को जिला प्रशासन के साथ मिलकर तत्काल राहत उपलब्ध कराने के लिये हर संभव उपाय किये जा रहे हैं। विस्फोट के कारणों के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘जांच से पता चलेगा कि यह मानवीय गलती थी, सुरक्षा नियमों का उल्लंघन या फिर अन्य कारण…।’’ एस के राय की अध्यक्षता वाली समिति में दो महाप्रबंधक शामिल हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि एनटीपीसी संयंत्र विस्फोट अपनी तरह की दुर्लभ घटना है, इकाई का प्रबंधन काफी अनुभवी लोगों के हाथों में था।सिंह ने कहा कि एनटीपीसी संयंत्र के परिचालन के लिये प्रक्रियाओं का पालन करती है और यूनिट-6 को चालू करने में छह महीने की देरी हुई थी। संयंत्र को 30 सितंबर 2017 को वाणिज्यिक रूप से परिचालन में आने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि प्रक्रियाओं के तहत बाहरी एजेंसियों को संयंत्र को चालू करने में शामिल किया गया था और एनटीपीसी ने भेल अधिकारियों से संयंत्र का दौरा करने को कहा है। भेल ने ऊंचाहार संयंत्र की 500 मेगावाट की छठी इकाई का डिजाइन तैयार करने के साथ इसकी आपूर्ति और इसे चालू किया था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यूनिट छह को फिर से चालू करने में 3 से 6 महीने का समय लगेगा। कुल 1550 मेगावाट क्षमता के इस संयंत्र में 1,050 मेगावाट क्षमता की इकाइयां परिचालन में हैं। इस संयंत्र से नौ राज्यों को बिजली की आपूर्ति की जाती है।
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