पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान के बाड़मेर में ग्रीनफील्ड रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल परिसर ‘रेगिस्तान का गहना’ साबित होगा, क्योंकि इससे क्षेत्र में रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। रिफाइनरी परिसर के दौरे पर बाड़मेर में आए मंत्री ने कहा कि यह प्रति वर्ष 9 मीट्रिक मिलियन टन कच्चे तेल को संसाधित करेगा और 2.4 मिलियन टन से अधिक पेट्रोकेमिकल का उत्पादन करेगा, जिससे पेट्रोकेमिकल के आयात बिल में कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल पश्चिमी राजस्थान के लिए एक औद्योगिक केंद्र के रूप में कार्य करेगी बल्कि 2030 तक भारत को 450 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की शोधन क्षमता प्राप्त करने के अपने ²ष्टिकोण को भी आगे बढ़ाएगी। ग्रीनफील्ड रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स एचपीसीएल और राजस्थान सरकार की एक संयुक्त उद्यम कंपनी एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) द्वारा स्थापित किया जा रहा है, जहां दोनों की क्रमश: 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
प्रोजेक्ट की कल्पना 2008 में की गई थी और शुरूआत में इसे 2013 में मंजूरी दी गई थी। इसे फिर से तैयार किया गया और 2018 में इस पर काम शुरू हुआ। कोरोनावायरस महामारी के कारण दो साल के व्यवधान के बावजूद परियोजना का 60 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। पुरी ने आगे कहा कि परियोजना पेट्रोकेमिकल्स के आयात प्रतिस्थापन के मामले में भारत में आत्मनिर्भरता लाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मौजूदा आयात 95,000 करोड़ रुपये का है, जो कॉम्प्लेक्स चालू होने के बाद 26,000 करोड़ रुपये कम हो जाएगा।
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