डेस्क। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने बुधवार को कहा कि संविधान उन्हें जब चाहे मांस खाने की इजाजत देता है, उसी तरह संविधान एक दुकानदार को अपना व्यापार चलाने की आजादी भी देता है। लोकसभा सांसद की यह टिप्पणी, दक्षिण दिल्ली नगर निगम के महापौर मुकेश सूर्यन के द्वारा लगाए गए मीट प्रतिबंध की पंक्ति के बीच आती है, जिसमें नवरात्रि के दौरान नगरपालिका क्षेत्र में मांस की दुकानों को बंद करने को कहा गया था।
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई आधिकारिक निर्देश नहीं मिला है। दक्षिण महापौर के बाद, पूर्वी दिल्ली के महापौर ने भी मांस की दुकानों को बंद करने के लिए कहा क्योंकि “ज्यादातर लोग मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करते हैं”।
इसी कड़ी में सामने आईं रिपोर्ट्स के अनुसाए दक्षिण दिल्ली के कई बाजारों में मांस की दुकानें मंगलवार को बंद रहीं।
I live in South Delhi.
The Constitution allows me to eat meat when I like and the shopkeeper the freedom to run his trade.
Full stop.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) April 6, 2022
बता दें कि मांस पर प्रतिबंध एक बड़ा राजनीतिक विवाद मुद्दा बन गया है, इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ‘बहुमत’ के एक ही तर्क के आधार पर, जम्मू-कश्मीर में सभी को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। रमजान के दौरान सार्वजनिक रूप से भोजन करना। “रमजान के दौरान, हम सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच नहीं खाते हैं। मुझे लगता है कि यह ठीक है अगर हम हर गैर-मुस्लिम निवासी या पर्यटक को सार्वजनिक रूप से खाने से प्रतिबंधित करते हैं, खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में। अगर दक्षिण दिल्ली के लिए बहुसंख्यकवाद सही है, तो यह ठीक है। जम्मू-कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) के लिए भी यह सही होने चाहिए” उन्होंने ट्वीट कर कहा।
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