आध्यात्मिक– हमने नागा साधुओं के बार में खूब सुना है। सभी जानते हैं नागा साधु निर्वस्त्र रहते हैं और शिव की आराधना में लीन रहते हैं। उनके वस्त्र भस्म होती है और यह मोह माया से विरक्त होकर अपने इष्ट की आराधना में लीन रहते हैं।
लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं महिला नागा साधुओं के बारे में। इनके बारे में आपने कम ही सुना होगा। क्योंकि इनका जीवन काफी रहस्यमयी होता है। यह महिलाएं पुरुष की भांति निर्वस्त्र नहीं रहती हैं। लेकिन यह महिलाएं बेहद कठिन जीवन यापन करती हैं।
जानें महिला नागा साधुओं की कहानी-
महिला नागा साधुओं का जीवन काफी कठिन होता है। लेकिन इन्हें वस्त्र धारण करने की छूट होती है। यह निर्वस्त्र नहीं रहती हैं। लेकिन इन्हें सिर्फ गेहुँआ रंग के वस्त्र पहनने की अनुमति होती है। यह रंगों से दूर रहती हैं। इनके माथे पर टीका लगा रहता है।
महिला नागा साधुओं को सामान्य साधिवियों की तरह नहीं देखा जाता है। क्योंकि यह निरंतर ध्यान में मग्न रहती हैं और इन्हें नागिन या अवधुतानी के नाम से जाना जाता है।
कब नजर आती हैं महिला नागा –
महिला नागा साधुओं को सामान्य अवसरों पर नहीं देखा जा सकता है। क्योंकि यह लोग अपना जीवन सांसारिक दुनिया से विरक्त होकर व्यतीत करती हैं। यह मोह माया से दूर होकर अपने आराध्य में लीन रहती हैं। वहीं इन्हें सिर्फ कुम्भ और महाकुंभ के वक्त देखा जा सकता है।
यह इस समय संगम में स्नान करने के लिए या किसी पवित्र नदी में स्नान के लिए सामने आती हैं। अन्यथा यह अपना जीवन जंगल और गुफाओं में व्यतीत करती हैं। आध्यात्म के मुताबिक यदि कोई नागा महिला साधुओं के दर्शन प्राप्त करता है। तो उसे पुण्य प्राप्त होता है और उसके कष्ट मिट जाते हैं।
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