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कुशीनगर पुलिस : अपने मोबाइल से डिलीट कर दें यूआईडीएआई टोल फ्री-18003001947 नंबर , हैक हो जाएगा आपका मोबाइल

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आखिर कुशीनगर पुलिस ने अचानक क्‍यों कहा,अपने मोबाइल से डिलीट कर दें यूआईडीएआई टोल फ्री-18003001947 नंबर

उपेंद्र कुशवाहा
पडरौना,कुशीनगर : अगर आपके एंड्रायड मोबाइल के कान्टेक्ट में यूआईडीएआई नाम से कोई नंबर सेव हो तो उसे तत्काल डिलीट कर दें,क्योंकि इस नंबर के जरिए आपका बैंक अकाउंट और मोबाइल में लगे सिम का दुरुपयोग हो सकता है। ऐसा कहना है कि कुशीनगर जिले की पुलिस का। कुशीनगर पुलिस द्वारा जारी एक संदेश में इस नंबर को डिलीट करने की सलाह दी गई। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर यह मैसेज तेजी से ट्रेंड कर रहा है और लोग अपने कान्टेक्ट लिस्ट से इस नंबर को तलाश कर डिलीट भी करना शुरू कर दिए हैं।

यूआईडीएआई टोल फ्री-18003001947 नंबर

पिछले तीन दिनों से लोगों के स्मार्ट फोन में रात 12 बजे के बाद अचानक ऑटो सेव हो रहा है। यूआईडीएआई (यूनिक आईडेंटिफिकेशन) से संबंधित है। हालांकि आधार से इसका कोई वास्ता नहीं है। आधार ने इस बारे में स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया है। यूपी एसटीएफ के निर्देश के बाद कुशीनगर पुलिस ने सोशल मीडिया पर मैसेज जारी कर लोगों से ऑटो सेव हुए यूआईडीएआई नाम से कान्टेक्ट को डिलीट करने की सलाह दी। इसके बाद लोगों ने जब अपने मोबाइल देखने शुरू किए तो एक कंपनी की मोबाइल को छोड़कर लगभग सभी एंड्रायड फोन में यह नंबर सेव मिला। पुलिस की अपील पर भरोसा कर तमाम लोगों ने इस नंबर को डिलीट कर दिया। सूर्यप्रकाश शर्मा, अमित शुक्ला, गौरव तिवारी आदि ने बताया कि पुलिस के मैसेज के बाद हम लोग घबरा गए थे। नंबर डिलीट करने के बाद हमने अपना अकाउंट और सिम चेक किया तो सब कुछ ठीक ठाक था।

क्यों जारी की पुलिस ने अपील

साइबर सेल के सुशील सिंह ने बताया कि इस तरह के दो-तीन मामले एसटीएफ तक पहुंचे थे, जिसमें किसी टोल फ्री नंबर को सेव करने के बाद संबंधित व्यक्ति का मोबाइल हैक हो गया और बिना उसकी जानकारी के खातों से रुपये ट्रांसफर करा लिए गए। ऐसे में ज्यों ही इस नंबर के बारे में आधार की ओर से स्पष्टीकरण आया, यूपी एसटीएफ ने कुशीनगर पुलिस को अलर्ट करते हुए जनता को भी अलर्ट करने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस की ओर से सार्वजनिक अपील जारी की गई।

क्या कहते हैं साफ्टवेयर एक्सपर्ट

साफ्टवेयर एक्सपर्ट रजनीश रूंगटा कहते हैं कि मोबाइल या कम्प्यूटर हैक करना अब बहुत मुश्किल काम नहीं है। इसके लिए सामान्य जानकारियां चाहिए होती है। एंड्रायड फोन में हम जब भी कोई सिम एक्टिवेट करते हैं तो खुद ही यह जानकारियां दे देते हैं। यह डाटा हमारे नंबर के साथ एंड्रायड मोबाइल में सुरक्षित रहता है। जब हम इस तरह के असुरक्षित टोल फ्री या अन्य लिंक अपने मोबाइल में सेव करते हैं या फिर क्लिक करते हैं तो हमारा मोबाइल भी हैक हो जाता है। मुझे लगता है कि कुशीनगर पुलिस ने पहली बार इस तरह के साइबर क्राइम के प्रति जिले के लोगों को समय से अलर्ट कर दिया है।

एसपी बोले

यूपी एसटीएफ के निर्देश के बाद अलर्ट मैसेज जारी किया गया है। लोग अपने मोबाइल के कान्टेक्ट लिस्ट को चेक करें और अगर उसमें यूआईडीएआई के नाम से नंबर सेव हो तो उसे तत्काल डिलीट कर दें। यह नंबर रात 12 बजे के बाद ऑटोमेटिक एंड्रायड फोन में सेव हो गया है। इससे बैंक और सिम का दुरुपयोग होने का अंदेशा है।

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