बिजनेस:- अभी तक केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए न्यू वेतन आयोग लागू करती थी और फिर उसी वेतन आयोग की सिफारिशों पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ती थी। लेकिन अब सरकार ने इस फॉर्मूले को रिजेक्ट कर दिया है और कहा है कि अब सैलरी बढाने के लिए वह वेतन आयोग का गठन नहीं करेगी। क्योंकि अब मोदी सरकार अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए वेतन आयोग की जगह दूसरा फॉर्मूला लाने की तैयारी में है।
जहां अभी तक केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के अलावा हर छह महीने में महंगाई-भत्ते में वृद्धि का भी लाभ मिलता है। वही अब सरकार इनके वेतन को बढाने के लिए एक नए विकल्प की तलाश कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार अब अपने कर्मचारियों का वेतन, वेतन आयोग के हिंसाब से न बढाकर उनकी योग्यता और परफॉर्मेंस को देखकर बढ़ाएगी। हालाकि अभी तक सरकार इस बात पर रिसर्च कर रही है कि इसे किस तरह लॉन्च किया जाए और यह किस प्रकार से काम करेगा।
अभी तक क्रेंद्र सरकार के इस वेतन बढ़ाने को लेकर आए इस नए प्रयोजन को आधिकारिक मंजूरी नहीं मिली है। लेकिन माना जा रहा है कि यह पूरी तरह डीए पर आधारित हो सकता है। कहा जा रहा है कि कर्मचारियों का डीए जैसे ही 50 फीसदीं होगा कर्मचारियों की सैलरी में ऑटोमेटिक इजाफा हो जाएगा। इस नई योजना को ऑटोमेटिक पे रिवीजन का नाम दिया जा सकता है। जिसका लाभ केंद्र के 68 लाख कर्मचारियों और करीब 52 लाख पेंशनधारकों को मिलेगा।
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