लेटर के जरिए इन हस्तियों और संस्थाओं ने सुप्रीम कोर्ट से खुद दखल देने और जांच करने की गुहार लगाई है. लेटर में सवाल किया गया है कि भारत में इस स्पाइवेयर की खरीद किसने की थी? इसका पेमेंट किसने किया और इसे खरीदने के पीछे उद्देश्य क्या था?
लेटर में शीर्ष कोर्ट की एक अधिकारी के कथित जासूसी मुद्दे का भी हवाला दिया गया है, जिन्होंने तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इन लोगों ने मीडिया में आई इन खबरों पर हैरानी जताई है कि स्पाइवेयर का इस्तेमाल उद्योगपतियों, जर्नलिस्ट, राजनेताओं, वकीलों, मानवाधिकार एक्टिविस्टों की निगरानी के लिए किया गया.
लेटर में इन हस्तियों के नाम शामिल
लेटर लिखने वालों में एक्टिविस्ट अरुणा रॉय, हर्ष मंदर, अंजली भारद्वाज, वकील वृंदा ग्रोवर, जूमा सेन, प्रतीक्षा बक्शी, शिक्षाविद व साइंटिस्ट जोया हुसैन, रोमिला थापर, लेखक अरुंधति राय, RJD सांसद मनोज झा, जर्नलिस्ट अनुराधा भसीन आदि शामिल हैं. इसके अलावा रिटायर सरकारी अधिकारी, रिटायर आर्म्ड फोर्स के अधिकारियों के भी हस्ताक्षर हैं.
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