जब मन कही नहीं लगता तब मैं खुद के साथ होती हूं। कई किस्से याद आते हैं कई पुरानी यादें झझकोरती हैं कलम आहिस्ता चलती है बिना सोचे समझे लिखती है जो जीवन मे हस्तक्षेप नहीं बर्दाश्त होते उनका परित्याग करती है कुछ शब्दों का जाल बुनती हूँ शब्दों को कई रंग देती है विचार […]
Love| प्रेम को लेकर मन मे अनेकों सवाल रहते हैं हर कोई प्रेम को समझना चाहता है प्रेम को जानना चाहता है और प्रेम के साथ निरंतर चलना है। लेकिन प्रेम वास्तव में क्या है इसकी परिभाषा आज तक बड़े बड़े विद्वान भी नहीं दे पाए क्योंकि प्रेम जो कि अनुभूति, लगाव , समर्पण, शारिरिक […]
इतिहास| कोई भी देश अगर हारता है या उसपर कोई अन्य देश आक्रमण करता है या उसे अपना गुलाम बनाता है तो उसमें सबसे अमुख भूमिका अगर कोई निभाता है तो वो है उस देश मे रहकर उस देश का खाकर उस देश के साथ दोगला व्यवहार करने वाले गद्दार। भारत का भी कुछ ऐसा […]
History of Mughal | आतंकी संगठन आईएसआईएसआई के बारे में हमने खूब पढा और सुना है उनके अत्याचारों के बारे जब भी कही जिक्र होता है तो अक्सर हमारी आंखों में दर्द छलक उठता है कि कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है। कहा जाता है कि आतंकी संगठन आईएसआईएसआई महिलाओं को यौन गुलाम बनाकर […]
Ajmer rape and blackmailing case:- रेप नाम सुनते ही रूह कांप उठती है मन विचलित हो उठता है और अनेको सवाल हमारी अंतरात्मा को झझकोरने लगते हैं। कि कोई इतना निर्लज्ज निर्दयी कैसे हो सकता है कि अपने पुरुषार्थ की सिद्ध हेतु एक महिला के साथ इतना जघन्य कृत्य करे। घटना 1992 की है जब […]
Hindu| हमने हमेशा से देखा है और अपने पूर्वजों से भी सुना है कि हिन्दू (Hindu) सिर्फ एक धर्म नहीं अपितु सभी को एक दूसरे से जोड़े रखने की सांस्कृतिक परम्परा (Indian culture) है। हिन्दू धर्म का सृजन करना सिर्फ हिन्दू का नहीं बल्कि पूरे भारत के हर नागरिक का पहला कर्तव्य है। क्योंकि भारत […]
डेस्क। भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस पर आपने उनकी बहादुरी के चर्चे तो सुने ही होंगे। उनकी गौरवगाथा का बखान करने के लिए हिंदी सिनेमा ने भी कई फिल्मों की रचना की है। इसी में से लगभग हर फिल्म में भगत सिंह की फांसी के समय ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’ गीत […]
भारत| आज यानी 23 मार्च को पूरा भारत शहीद दिवस मना रहा है। आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को मध्यरात्रि में अंगेजो ने भारत के तीन महान स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दे दी थी। यह तीन शहीद सरदार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु थे। इन तीनो वीर सपूतों को शहादत देने के लिए […]
इतिहास| भारत मे हिन्दू धर्म सभी धर्मों में सर्वोपरि धर्म है। हिन्दू धर्म को भारत की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। हिंदुत्व से भारत की पहचान है। लेकिन कई बार लोग भारत के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हैं। भारत के अपने ही भारत के हिंदुत्व के आड़े आते हैं। हिन्दू वादी नीति को गलत […]
समझना मुश्किल है बिना समझे बताती हूं ज्ञानग्रंथ की तुम्हें भी एक झलक दिखाती हूँ हर छंद में वह वाणी का वरदान है सद्गुण दायी वह दुर्गुणों का निदान है मानव का रूप किन्तु ईश्वर का वरदान है जीवन सफल करे जो गीता का वह ज्ञान है मोक्षदायिनी अमृतधारा काशी विश्वनाथ का धाम है अलकनंदा, […]
जीवन शैली| महात्मा गांधी जिनका नाम भारत के इतिहास में मोटे अक्षरो में मुद्रित है। भारत का बच्चा बच्चा इनके नाम को जानता है। यह वह महान पुरष है जिन्होंने अंग्रेजी सत्ता के सामने बिना हथियारों को संघर्ष किया और एकजुटता का परिचय देते हुए सम्पूर्ण भारत को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया। गांधी […]
भाई, दो मिनट का समय दो। एक बूढ़ी आंटी आने वाली हैं। वह ज्यादा नहीं चल सकतीं। उन्हें बिठाते ही कार हटा दूंगा। नहीं साहब। ये गेट है। अभी प्रेसीडेंट ने देख लिया तो बहुत गाली देगा। पैसा तो आठ हजार ही देता है। जरा सा कुछ हुआ नहीं कि गाली चालू! उसके ऐसा कहते […]
किसी भी सरकार के खिलाफ जब विपक्ष की बुलंद आवाज सुनते होंगे तो एक लाइन आपकी कानों में जरूर जाती होगी, ‘जिंदा कौमें पांच साल तक इंतजार नहीं करतीं’। ये मशहूर पंक्ति डॉ. राम मनोहर लोहिया ने तब कही थी, जब उन्होंने कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया था। तब, जब कांग्रेस पार्टी […]
रिपोर्टर – योगेन्द्र गौतम अंतर्राष्ट्रीय डॉटर्स डे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ हर साल सितंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है। भारत मे बेटी दिवस 26 सितम्बर को मनाया जा रहा है।संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार 11 अक्टूबर 2012 को एक दिन बेटियों को समर्पित किया। संयुक्त राष्ट्र की इस पहल का स्वागत दुनिया भर के […]
आज गोलागंज बारूदखाना स्थित सुप्रसिद्ध प्रेम प्रकाश भवन,सिंधी मंदिर में गोलागंज-बारूद खाना आवासीय समिति की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई जिसमें समिति के सभी सदस्यों की सहमति पर आवासीय समिति का पुनर्गठन किया गया I समिति पुनर्गठन की प्रक्रिया के बाद सर्व सहमति से डॉ.के.के. श्रीवास्तव व श्री निर्मल चंद्र श्रीवास्तव को समिति के संरक्षक के […]
रक्षाबंधन” राखी का अटूट बंधन, ऐसे महके जैसे चंदन। कहने को तो बस एक धागा है , पर आजीवन रक्षा का वादा है। रक्षा का ये पावन बंधन, रक्षाबंधन कहलाता है। https://www.astrosumittiwari.com/2525/ ये कल्, परसो से बना नही इसका इतिहास पुराना है। सतयुग से ये प्रारंभ हुआ, था दैत्य जरासन का पुत्र बलि , […]